केंद्र सरकार द्वारा अटल भूजल योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से देश के 7 चिन्हित जल संकट वाले क्षेत्रों में स्थाई भूजल प्रबंधन के लिए सामुदायिक भागीदारी और मांग हस्तक्षेप पर जोर दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत जल जीवन मिशन के लिए बेहतर सोत्र स्थिरता, किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य में सकारात्मक योगदान और जल उपयोग की सुविधा के लिए समुदाय के व्यवहार में बदलाव लाने की परिकल्पना की गई है। अटल भूजल योजना के संचालन के लिए सरकार द्वारा 6000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जिसमें से 3000 करोड़ रुपए विश्व बैंक से ऋण के रूप में प्राप्त किए जाएंगे एवं 3000 करोड़ रुपए का भारत सरकार योगदान देगी।
राज्य को सहायता अनुदान के रूप में इस योजना के अंतर्गत राशि प्रदान की जाएगी। अटल भूजल योजना का संचालन हरियाणा, गुजरात, कर्नाटका, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की 8353 जल संकट ग्रस्त ग्राम पंचायतों में किया जाएगा।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य चुनिंदा राज्यों के जल संकट ग्रस्त क्षेत्रों में भूजल संसाधनों के प्रबंधन में सुधार करना है। अटल भूजल योजना के माध्यम से भूजल के स्तर में सुधार आ सकेगा जिससे कि पानी की समस्या का निराकरण होगा। इस उद्देश्य को विभिन्न चल रही या नई केंद्रीय और राज्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से समुदाय के नेतृत्व में उचित निवेश/प्रबंधन कार्य को लागू कर के प्राप्त किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से देश के प्रत्येक नागरिक तक जल उपलब्ध हो सकेगा। जिससे कि देश के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार आएगा। इसके अलावा यह योजना देश के नागरिकों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने में भी कारगर साबित होगी।
अटल भूजल योजना के अंतर्गत संवितरण से जुड़े संकेतक
अटल भूजल योजना के लाभ तथा विशेषताएं